Airport News: मनमाफिक ख्वाहिश पूरी नहीं हुई तो ‘साहिब’ ने पासपोर्ट के साथ ऐसा खेल कर दिया कि पल भर में वर्षों पुरानी चाहत न केवल चकनाचूर हो गई, बल्कि लाखों रुपयों पानी में चले गए. इतना ही नहीं, साहिब के इस खेल में एक-एक कर सात लोग अब तक सलाखों के पीछे पहुंच जा चुके हैं. इस मामले में अभी और कितने लोगों पर कानून का शिकंजा कसेगा, वह आईजीआई एयरपोर्ट की जांच पूरी होने के बाद ही साफ हो पाएगा.
दरअसल, इस मामले की शुरूआत हुई पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर, खन्ना और शहीदजादा अजीत सिंह नगर से. इन शहरों में रहने वाले दविंदर सिंह, हीरा सिंह, पवनदीप सिंह और करम सिंह नामक चार युवक बेहतर जिंदगी की आस में विदेश जाना चाहते थे. अपनी इस हसरत को पूरा करने के लिए दविंदर सिंह और पवनदीप सिंह ने पंजाब के नवां शहर में रहने वाले ट्रैवल एजेंट अक्षय कुमार से संपर्क किया.
वहीं, इसी हसरत के साथ हीरा सिंह ने माछीवाड़ा शहर में रहने वाले ट्रैवल एजेंट मान सिंह और करम सिंह ने बरनाला शहर में रहने वाले ट्रैवल एजेंट मान सिंह से मुलाकात की. इन सभी की हसरतें सुनने के बाद डील सात से आठ लाख प्रति व्यक्ति के हिसाब से तय हुई. डील के तहत, ये तीनों एजेंट, इन चारों नौजवानों को आर्मीनिया और ईरान के रास्ते न केवल ग्रीस पहुंचाएंगे, बल्कि तीनों देशों के वीजा और ट्रैवल का खर्चा भी उठाएंगे. साथ ही, ग्रीस पहुंचने के बाद इनके लिए नौकरी का इंतजाम भी करेंगे.
आर्मीनिया पहुंचते-पहुंचते हाथ से निकले छह लाख
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, डील फिक्स होने के बाद चारों नौजवानों ने बतौर एडवांस में तीन-तीन लाख रुपए अपने अपने एजेंट को दे दिए. कुछ दिनों के इंतजार के बाद चारों नौजवानों के लिए आर्मीनिया के वीजा और एयर टिकट का इंतजाम कर दिया. इसके बाद, सितंबर 2023 में चारों अलग-अलग आईजीआई एयरपोर्ट से आर्मीनिया के लिए रवाना हो गए. आर्मीनिया में चारों नौजवान एक दूसरे से पहली बार मिले.
आर्मीनिया में इनकी मुलाकात मोहसीन खान नामक एक शख्स से हुई, जो भारतीय ट्रैवल एजेंट के लिए वहां काम करता था. मोहसीन खान के कहने पर इन चारों ने फिर तीन-तीन लाख रुपए उसके बताए एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए, जिसके बाद मोहसीन ने चारों के लिए ईरान का वीजा और टिकट की व्यवस्था कर दी. वीजा और टिकट आने के बाद चारों नौजवान ईरान की राजधानी तेहरान के लिए रवाना हो गए.
तेहरान में अरमान की भूख ने बिगाड़ा पूरा काम
तेहरान पहुंचने के बाद मोहसीन ने इन चारों को अब असल ‘साहिब’ अरमान उर्फ हुसैन के सुपुर्द कर दिया. अरमान का काम इन चारों के लिए ग्रीस के वीजा का इंतजाम करने के साथ-साथ वहां पहुंचाकर इनको नौकरी दिलाना था. इस काम के एवज में चारों ने अरमान द्वारा बताए एकाउंट नंबर पर एक-एक लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. कुछ दिनों के इंतजार के बाद चारों के पासपोर्ट पर ग्रीस का वीजा लग गया. अब चारों ग्रीस के लिए रवाना होते, इससे पहले अरमान ने एक नई ख्वाहिश रख दी.
दरअसल, अरमान ने मन का लालच बढ़ गया था और अब वह अधिक रुपयों की मां कर रहा था. इंकार करने पर अरमान ने ग्रीस का वीजा निकालकर चारों को उनका पासपोर्ट वापस कर दिया. इसके बाद, चारों ने खुद से ईरान के एग्जिट वीजा की व्यवस्था की. ओवर स्टे का फाइन भरा और वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए. इन नौजवानों की आफत यहीं खत्म नहीं हुई, दिल्ली पहुंचने के बाद इन चारों नौजवानों को अरमान की ‘खुराफात’ की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया.
अरमान की खुराफात ने सात को पहुंचाया जेल
वहीं, इन चारों की गवाही पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने पंजाब से तीनों एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इन सातों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/468/471 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अब इस मामले में अरमान ने पासपोर्ट में की थी कौन सी खुराफात और कैसे खुला ‘ड्रीम्स ऑफ ग्रीस’ का राज, जानने के लिए “खुला ‘ड्रीम्स ऑफ ग्रीस’ का राज, पंजाब के कई शहरों में हुई छापेमारी, 7 अरेस्ट” पर क्लिक करें.
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FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 16:59 IST