Delhi Airport: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री के बाहर खड़े इन चार यात्रियों की हरकतें ठीक नहीं थीं. इनमें से एक बार-बार किसी को फोन कर बात करता और फिर बाकी तीनों को फोन पर हुई बातचीत के बारे में ब्रीफ करता. इस तरह की कई हरकतों को देखने के बाद सीआईएसएफ की इंटेलीजेंस टीम को चारों पर शक हो गया. जिसके बाद, सिक्योरिटी कंट्रोल रूम में बैठे सीआईएसएफ इंटेलीजेंस के स्टाफ को सीसीटीवी कैमरों के जरिए इन पर नजर रखने के लिए कहा गया.
इसी बीच, फोन पर बार-बार बात कर रहे शख्स का फोन बजा, उसने फोन पर बात करने के बाद तीनों को इशारा किया और टर्मिनल के गेट नंबर चार से टर्मिनल के भीतर दाखिल हो गए. टर्मिनल से दाखिल होते समय इन चारों ने पहचान पत्र के तौर पर अपना पासपोर्ट और एयर टिकट गेट पर खड़े सीआईएसएफ अधिकारी को दिखाया था. निगरानी के दौरान, यह देखा गया कि चारों मुसाफिरों ने काउंटर नंबर 10 से इमीग्रेशन की प्रक्रिया पूरी की और प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी चेक (PESC) पूरा कर सिक्योरिटी होल्ड एरिया में पहुंच गए.
चेहरे के भाव से मिली नापाक मंसूबों की भनक
इमीग्रेशन क्लीयरेंस और पीईएससी के बाद चारों के चेहरे पर आए भाव से सीआईएसएफ इंटेलीजेंस को यह पक्का हो गया कि जरूर कुछ न कुछ गड़बड़ है. बावजूद इसके, सीआईएसएफ इंटेलीजेंस ने किसी कार्रवाई की जगह इन पर नजर रखना जारी रखा. इन चारों ने एक बार फिर फोन पर बात की और बोर्डिंग गेट नंबर 15 पर पहुंच गए. बोर्डिंग गेट पहुंचने तक इन्होंने फिर फोन पर बात की और कुछ देर वहां रुकने के बाद बोर्डिंग गेट नंबर 208 की तरफ चले गए. यहीं पर इनको एक एयरपोर्ट कर्मी के साथ देखा गया.
‘विभीषण’ के दिखते ही हिरासत में लिए गए चारों
एयरपोर्ट कर्मी के दिखते ही सीआईएसएफ इंटेलीजेंस का इंतजार अब खत्म हो चुका था. चंद कदमों की दूरी पर मौजूद सीआईएसएफ प्रोफाइलर्स ने चारों यात्रियों संग एयरपोर्ट कर्मी को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान, चारों मुसाफिरों की पहचान हरमनजोत सिंह, जयवीर सिंह, कुलविंदर सिंह और दिलशेर सिंह के रूप में हुई. वहीं एयरपोर्ट कर्मी की पहचान सलमान अब्बासी के रूप में हुई. इसके बाद, ये पांच जैसे जैसे खुलासा करते गए, सीआईएसएफ अधिकारियों के माथे के बल बढ़ते गए.
फर्जीवाड़ा कर बर्मिंघम जाने के फिरांक में थे चारों
पूछताछ के दौरान, चारों ने बताया कि वे अलग अलग फ्लाइट के जरिए कोलकाता से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे थे. यहां पहुंचने के बाद वह लगातार अपने एजेंट के संपर्क में थे. यहां से इन सभी को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-113 से बर्मिंघम के लिए रवाना होना था. चूंकि एयर इंडिया एयरलाइंस की ग्राउंड हैंडंलिंग एजेंसी एआईसैट्स है, लिहाजा इसी कंपनी में काम करने वाला सलमान अब्बासी उन्हें बर्मिंघम भेजने में मदद करने वाला था. वह अपने मंसूबों में सफल होते, इससे पहले सीआईएसएफ के हत्थे चढ़ गए.
बर्मिंघन जाने के लिए फर्जी सीडीसी को बनाया टूल
पूछताछ के दौरान, जब इन चारों संदिग्धों के पास मौजूद दस्तावजों को चेक किया गया, तब जाकर सीआईएसएफ को पूरा खेल समझ में आया गया. दरअसल, इन चारों के कब्जे से सीआईएसएफ ने कॉन्टिन्यूस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट (CDC) बरामद किया गया. इसी सीडीसी के जरिए चारों ने न केवल इमीग्रेशन क्लियरेंस हासिल किया, बल्कि कुछ ही देर में बर्मिंघम के लिए रवाना भी होने वाले थे. शक होने पर सीडीसी की जांच कराई गई, जिसमें चारों संदिग्धों के का यह दस्तावेज फर्जी पाया गया.
एयरपोर्ट पुलिस ने पांचों आरोपियों को किया गिरफ्तार
पूछताछ के बाद, सीआईएसएफ ने पांचों आरोपियों को आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के हवाले कर दिया है. वहीं, एयरपोर्ट पुलिस ने ने इन पांचों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/468/471/120B के तहत मामला दर्ज गिरफ्तार कर लिया है. एयरपोर्ट पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है, कि आरोपियों को कॉन्टिन्यूस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट किसने उपलब्ध कराया और पांचों लगातार किससे बातें कर रहे थे. एयरपोर्ट पुलिस के अनुसार, जल्द ही इस मामले से जुड़े सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 14:45 IST