Delhi Police: करीब 11 माह पहले घर से अचानक लापता हुए 14 साल की एक किशोरी और इतनी ही उम्र के किशोर को दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने खोज निकाला है. किशोर को पालम फ्लाईओर और किशोरी को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से पुलिस ने रेस्क्यू किया है. बीते समय को लेकर जो आपबीती बयान की है, उसे सुनकर सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई है. फिलहाल, पुलिस ने किशोर और किशोरी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.
दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा के अनुसार, पहली घटना द्वारका जिले के डाबरी पुलिस स्टेशन की है. 31 मार्च 2024 को 14 वर्षीय एक किशोरी के अपहरण को लेकर शिकायत मिली थी. परिजनों की शिकायत के आधार पर डाबरी थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 363 के तहत एफआईआर दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की. तमाम कोशिशों के बावजूद द्वारका जिला पुलिस की टीम को किशोरी के बाबत कोई जानकारी नहीं मिली.
डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि दूसरी घटना 21 मई 2023 की है. द्वारका साउथ पुलिस स्टेशन को सूचना मिली थी कि पालम गांव स्थित डॉन बॉस्को आशालयम से एक 14 वर्षीय किशोर अचानक लापता हो गया है. इस शिकायत के आधार पर द्वारका पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 363 के तहत एफआईआर दर्ज कर लापता किशोर की तलाश शुरू कर दी. तमाम कोशिशों के बावजूद इस किशोर के बाबत कही कुछ पता नहीं चला.
बच्चों की तलाश के बनी स्पेशल टीम
दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि लापता किशोर और किशोरी की तलाश के लिए ऑपरेशन मिलाप शुरू किया गया. ऑपरेशन मिलाप को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें एएसआई राम गोपाल, महिला कॉन्स्टेबल शर्मिला, भंवरी कुमारी और महिला कॉन्स्टेबल पविता भी शामिल थीं. लापता हुए दोनों किशोर और किशोरी के संबंध में जिप नेट में जानकारी अपलोड की गईं.
सीक्रेट इनपुट ने बदली पुलिस की राह
साथ ही, दोनों की तस्वीरों को लेकर पुलिस कर्मियों को विभिन्न इलाकों में भेजा गया. साथ ही, महिला हेडकॉन्स्टेबल भंवरी कुमारी को सभी मुखबिरों को सक्रिय करने के लिए कहा गया. इसी बीच, 11 महीने के लंबे इंतजार के बाद पुलिस टीम को एक सीक्रेट इनपुट मिला. जिसके बाद, पुलिस टीम बताई गई लोकेशन की तरफ रवाना हो गई. पालम फ्लाइओवर के करीब नए सिरे से शुरू हुई खोजबीन के बाद पुलिस ने किशोर को रेस्क्यू कर लिया.
संदिग्ध मिली कुछ लोगों की भूमिका
डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि डाबरी इलाके से लापता हुई किशोरी की जांच में जुटी पुलिस टीम ने पीड़िता के कुछ दोस्तों से बातचीत की. बातचीत के दौरान, पुलिस को कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध मिली. जिसके बाद, पुलिस ने इन लोगों के मोबाइल नंबरों की निगरानी शुरू कर दी. करीब 11 महीने की कवायद पुलिस को एक मोबाइल नंबर हज़रत निज़ामुद्दीन में एक्टिव मिला. जिसके बाद, हज़रत निज़ामुद्दीन इलाके में किशोरी की तलाश शुरू की गई.
आखिरकार निजामुद्दीन से मिल गई बच्ची
डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि पुलिस की कई टीमों को पीड़िता की तस्वीर के साथ हजरत निज़ामुद्दीन इलाके में तलाश करने के लिए भेजा गया. अंततः 3 अप्रैल को पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली और लापता नाबालिग लड़की को हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन ढूंढ निकाला गया. बातचीत में किशोर ने बताया कि आशालयम में उसके साथ हो रहे बुरे बर्ताव की वजह से वह भाग गया था. वहीं किशोरी ने भी कुछ ऐसी ही बात पूछताछ में कही है.
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FIRST PUBLISHED : April 6, 2024, 16:26 IST