IGI Airport: ढाका (बांग्लादेश) के हज़रत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली फ्लाइट अब दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बेहद करीब थी. पायलट ने अगले कुछ ही मिनटों में फ्लाइट लैंडिंग की जानकारी देते हुए यात्रियों से सीट की पेटी बांध लेने के लिए बोल दिया था.
तभी, एयरक्राफ्ट के कॉकपिट का दरवाजा खुलता है और एक एयर होस्टेस वहां दाखिल होती है. एयर होस्टेस मुस्कुराकर एक पर्ची पायलट को देती है और वहां से चली जाती है. वहीं इस पर्ची को पढ़ने के बाद पायलट के माथे पर बल पड़ जाते हैं और वह तत्काल इस बाबत एटीसी को जानकारी देते हैं.
दूसरी तरफ, पायलट से बात सुनने के लिए एयरपोर्ट की तमाम एजेंसियां हरकत में आ जाती हैं और उस एयरोब्रिज की तरफ दौड़ जाती है, जिस पर ढाका से आने वाली फ्लाइट लगने वाली थी. कुछ मिनटों के इंतजार के बाद फ्लाइट लैंड होती है, थोड़े इंतजार के बाद एयरक्राफ्ट का दरवाजा खुलता है और फिर…
आखिर क्या है यह पूरा माजरा?
आईजीआई एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फ्लाइट का गेट खुलने के बाद, कोई भी यात्री एयरक्राफ्ट से बाहर निकल पाता, इससे पहले तमाम अधिकारी अंदर दाखिल हो जाते हैं. कुछ देर के इंतजार के बाद, ये अधिकारी एक यात्री को अपने साथ लेकर बाहर निकलते हैं, जिसके चेहरा पसीना से लथपथ होता है.
दरअसल, यह पूरा मामला सोने की तस्करी से जुड़ा हुआ था. एयरक्राफ्ट में दाखिल होने वाले अधिकारी, कस्टम के एयर प्रिवेंटिव विभाग से थे. वहीं जिस यात्री को एयरक्राफ्ट से पकड़ा गया था, वह एक सोना तस्कर था. इस तस्कर ने अपने मलद्वारा (रेक्टम) में एक किलो से अधिक सोना छिपाया हुआ था.
कैसे हुई इस तस्कर की पहचान?
आईजीआई एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि एयर होस्टेस द्वारा पायलट को दी गई पर्ची एक ड्रिल का हिस्सा थी और यह ड्रिल कस्टम विभाग के निर्देश पर की जाती है. दरअसल, सभी अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों से आवागमन करने वाली एयरलाइंस के केबिन-क्रू को कुछ खास तरह के यात्रियों की निगरानी रखने के लिए कहा जाता है.
अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के बीच आवागम करने वाले इन खास यात्रियों में वे यात्री शामिल होते हैं, जो लंबी फ्लाइट होने के बावजूद न ही कुछ खाते हैं और न ही कुछ पीते हैं. पूरी यात्रा के दौरान, ये यात्री टॉयलेट जाने से भी परहेज करते हैं. माना जाता है कि ऐसे यात्री अपने पेट या मलद्वारा (रेक्टम) में सोना या ड्रग्स छिपाकर तस्करी को कोशिश कर रहे होते हैं.
फिर एयर होस्टेस की पर्ची में क्या था?
आईजीआई एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फ्लाइट की लैंडिंग से पहले ऐसे यात्रियों के बारे में केबिन-क्रू विमान के पायलट इन कमांड को जानकारी देती है. एयरहोस्टेस द्वारा दी गई पर्ची में इस बात की जानकारी दी गई थी कि विमान के उक्त सीट पर बैठे यात्री ने पूरी यात्रा के दौरान न ही कुछ खाया है और न ही कुछ पिया है.
विमान के पायलट इन कमांड इस जानकारी को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के साथ साझा करते हैं. वहीं, एटीसी से यह जानकारी एओसीसी (एयरपोर्ट ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर के रास्ते कस्टम अधिकारियों तक पहुंचती है. जिसके आधार पर कस्टम अधिकारी सोने की तस्करी में लिप्त यात्री की धरपकड़ करते हैं. इस मामले में भी कस्टम ने ढाका से लाया गया 67.4 लाख रुपए की कीमत का 1260 ग्राम सोना रेक्टम से बरामद किया था.
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FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 10:34 IST