गुलशन कश्यप/जमुई: गांव का नाम जेहन में आते ही इसकी खूबसूरत तस्वीर सामने आती है. जहां लोगों से लेकर जीव जंतु तक खुशहाली से रहते हैं. लेकिन, बिहार में एक ऐसा गांव भी है जिसकी सुरक्षा तालिबान जैसी है. इस गांव का पाकिस्तान से डायरेक्ट कनेक्शन है और यह साइबर अपराध का हेडक्वार्टर बन गया है. यही नहीं इस गांव में तकनीक के जरिए ऐसे-ऐसे खेल होते हैं, जिसे करना तो दूर, आम इंसान इसके बारे में सोच भी नहीं सकता है. इस गांव में पिछले 17 साल से साइबर अपराध फल-फूल रहा है और उसे सुरक्षित किया जा रहा है. धीरे-धीरे यह पूरा गांव तालिबान और ISIS के किले के रूप में तब्दील हो गया है. जहां बगैर साइबर अपराधियों की मर्जी के आप जा भी नहीं सकते. अगर कोई बाहरी व्यक्ति इस गांव में प्रवेश कर जाता है तो इस पर साइबर अपराधियों की पूरी नजर होती है और हर वक्त कोई ना कोई उनका पीछा करते रहता है.
यह गांव जमुई जिले के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र का मंगरार गांव है. जिसका पाकिस्तान से डायरेक्ट कनेक्शन तब सामने आया जब पुलिस ने इस गांव से राजीव कुमार सिंह नामक एक युवक को गिरफ्तार किया था, जिसका संबंध पाकिस्तान से था और यह साइबर अपराध के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाकर सारे पैसे पाकिस्तान भेज दिया करता था. इस पूरे गिरोह का संबंध बिहार के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड सहित कई राज्यों में है. इसके अलावा पुलिस ने इस गांव से अन्य तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. उनके के पास से पाकिस्तान के अलग-अलग बैंक के कई चेक बुक का फोटो और 2 लाख 37 हजार 900 रुपये नकदी भी बरामद की गई थी.
डायरेक्ट पाकिस्तान से मॉनिटर होता है यह गांव
इन सभी अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को काफी चौंकाने वाले तथ्य मिले थे. इन अपराधियों के पास से पाकिस्तान के बैंक अकाउंट, चेक बुक सहित कई ऐसी चीजें मिली थी, जिससे यह पता चला था कि इस पूरे गिरोह का ताल्लुक पाकिस्तान से है और यह वहां बैठे किसी आतंकी के द्वारा इन सबको मॉनिटर किया जा रहा था. ये सभी साइबर अपराधी कौन बनेगा करोड़पति और लॉटरी लगने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे. यहां के साइबर अपराधी पाकिस्तान में बैठे अपने आका के साथ लगातार संपर्क में थे. साइबर अपराधी अपना कमीशन काटकर पाकिस्तान के अकाउंट में जमा कर देते थे. पकड़े गए अपराधियों का संबंध हवाला कारोबार से भी जुड़ा था. इस पूरे मामले में पाकिस्तान के आबिद नामक एक व्यक्ति का नाम सामने आया था. जमुई जिले का मंगरार गांव तालिबान के किले के रूप में बदल गया है. जिस प्रकार तालिबान और ISIS अधिकृत क्षेत्र में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश करने पर पूरा संगठन ही उसे मार गिराने की कोशिश करने लगता है, ठीक उसी प्रकार मंगरार गांव में भी साइबर अपराधियों की सुरक्षा के लिए उन्होंने अपनी एक पर्सनल आर्मी बना रखी है.
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FIRST PUBLISHED : March 30, 2024, 11:30 IST