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आगरा में नकली पुलिस अधिकारियों ने जयपुर के सराफा कारोबारी के कर्मचारी से सवा दो करोड़ रुपये के सोने के जेवरात छीने थे। सोने का वजन लगभग तीन किलोग्राम था। शाहगंज थाने में मुकदमा दर्ज था। पुलिस को छानबीन में अहम सुराग मिले हैं। कारोबारी के परिचित ने वारदात कराई थी। दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। अन्य की तलाश जारी है। एक आरोपित ने सोना बेचकर प्लाट खरीद लिया था।
पटेल नगर, जयपुर निवासी मनीष सोनी की मंसा ज्वैलर्स के नाम से फर्म है। उन्होंने मार्च 2024 में शाहगंज थाने में अमानत में खयानत की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को बताया था कि फर्म में माधोपुर निवासी प्रदीप सिंह कर्मचारी है। जनवरी में प्रदीप सोने के जेवरात लेकर कोलकाता गया था। वहां काम नहीं बना। कर्मचारी वापस लौटकर आ रहा था। 18 जनवरी को सियालदाह अजमेर एक्सप्रेस से जयपुर आ रहा था। गाड़ी आगरा कैंट स्टेशन पर रुकी। दो युवक कर्मचारी के पास सीट पर आए। खुद को पुलिस अधिकारी बताया। चेकिंग के नाम पर कर्मचारी को ट्रेन से उतार लिया।
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कर्मचारी से कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि उसके पास तस्करी का सोना है। कर्मचारी घबरा गया। फर्जी अधिकारियों ने कर्मचारी को जेल भेजने की धमकी दी। थाने ले जाने के बहाने अपने साथ ले गए। ईदगाह पुल पर फर्जी अधिकारियों ने कर्मचारी को धमकाया। उससे जेवरात का बैग, मोबाइल और जेब में रखा कैश ले लिया। उससे कहा कि मालिक से कहना कि थाने आकर बात करें। उस समय सराफा कारोबारी ने 200 ग्राम 640 मिलीग्राम सोने के जेवरात ले जाने का आरोप लगाया था।
दो युवकों से पूछताछ
पुलिस सूत्रों की मानें तो दो युवक पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस उन्हें साथ लेकर जगह-जगह दबिश दे रही है। एक आरोपित ने सोने के जेवरात सस्ते दामों में बेचे थे। जो रकम मिली उससे प्लाट खरीदा। प्लाट का बैनामा लेने का प्रयास किया जा रहा है। उसे बाद में कुर्क किया जाएगा।
तीन किलोग्राम था सोना
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि सोना करीब तीन किलोग्राम था। आयकर के डर से सराफा कारोबारी ने कम सोना लिखाया था। पुलिस की टीमें इस मुकदमे में काम कर रही हैं। कई अहम सुराग मिले हैं। घटना की साजिश कारोबारी के परिचित ने रची थी। पुलिस जल्द वारदात का खुलासा करेगी।