IGI Airport Police: दरवाजे पर दस्तक के साथ आई आवाज को सुनते ही सलाउद्दीन के चेहरे पर खुशी दौड़ गई थी. दरअसल, दरवाजे पर खड़े इस शख्स के हाथ में एक ऐसी चीज थी, जो सलाउद्दीन के सालों पुराने सपने को सच करने वाली थी. सलाउद्दीन की वर्षों पुरानी चाहत थी कि वह विदेश जाए और डॉलर्स में कमाई कर अपने जीवन के सभी अरमानों को पूरा करे. एक लंबी जद्दोजहद के बाद सलाउद्दीन को न केवल विदेश में नौकरी मिल गई थी, बल्कि अब उसे अपना सपना भी पूरा होता दिख रहा था.
देखते ही देखते, वह तारीख भी आ गई, जब उत्तर प्रदेश के बिजनौर में रहने वाले सलाउद्दीन को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से अज़रबैजान के बाकू शहर के लिए रवाना होना था. 3 मार्च 2024 को सलाउद्दीन आईजीआई एयरपोर्ट से बाकू के लिए रवाना हो गया. लेकिन, बाकू पहुंचते ही उसका सामना उसके अतीत से हो गया. जिसके चलते, उसे बाकू एयरपोर्ट से बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला और उसे अगली ही फ्लाइट से आईजीआई एयरपोर्ट के लिए बैरंग वापस कर दिया गया.
कबूलनामें ने एक-एक कर तमाम बातों से हटाना पर्दा
वहीं, दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने के साथ ही इमीग्रेशन ब्यूरो के अधिकारियों ने दस्तावेजों में लिखी इबारत के हिसाब से सलाउद्दीन को हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं एयरपोर्ट पुलिस ने सलाउद्दीन के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद, सलाउद्दीन के कबूलनामें ने एक-एक कर तमाम बातों से पर्दा हटाना शुरू कर दिया. इस कबूलनामें एक नया नाम आया और वह नाम था नसीम का.
आखिर क्या थी सलाउद्दीन के डिपोर्ट और गिरफ्तारी की वजह?
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, बाकू एयरपोर्ट पर स्टेट इमीग्रेशन सर्विस ने पाया कि सलाउद्दीन का पासपोर्ट टैंपर है. उसके पासपोर्ट से पेज संख्या 17 और 18 नदारत थे. इसी आधार पर उसे अज़रबैजान के बाकू शहर से आईजीआई एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया गया था. चूंकि, पासपोर्ट के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ गैरकानूनी अपराध है, लिहाजा सलाउद्दीन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई. जिसमें पता चला कि पासपोर्ट से यह छेड़छाड़ नसीम ने की थी.
60 दिनों की जद्दोजहद के बाद हाथ में आया आरोपी एजेंट नसीम
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, नसीम की गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर राज कुमार नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें महिला सब इंस्पेक्टर और हेड कॉन्स्टेबल विनोद भी शामिल थे. वहीं, सलाउद्दीन की गिरफ्त की बात पता चलते ही सलीम अंडरग्राउंड हो गया. कई बाद दबिश देने के बावजूद वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा. वहीं, इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस के जरिए पुलिस को पता चला कि सलीम बिजनौर के भवानीपुर गिरजावाला गांव में छिपा हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया.
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FIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 14:09 IST