बेंगलुरु. ठगी का एक ऐसा नया तरीका है, जो पहले नहीं देखा गया… असल में इस पूरे रैकेट का खुलासा तब हुआ जब केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) ने 30 करोड़ 92 लाख रुपये के नकली नोट पकड़े. पुलिस ने इन नोटों के साथ 5 लोगों को गिरफ्तार किया. जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने खुलासा किया कि वह ट्रस्टों को निशाना बनाते थे और उन्हें विभिन्न कंपनियों के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड के तहत 40 लाख रुपये देने पर एक करोड़ रुपये दिलाने का वादा करते थे.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने सोमवार को कहा कि यह ठगी का एक नया तरीका है, जो पहले नहीं देखा गया था. हालांकि हमें इस बारे में अस्पष्ट जानकारी थी. जालसाजों के इस नेटवर्क ने ट्रस्टों से संपर्क किया. दयानंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वे उन्हें बताएंगे कि अगर वे उन्हें नकदी मुहैया कराते हैं तो उन्हें कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से और अधिक पैसा मिलेगा.
आरोपियों ने खुलासा किया कि वह पहले ट्रस्टों को 100 करोड़ रुपये की नकदी भी दिखाते. एक बार जब ट्रस्ट के सदस्य विश्वास हो जाता तो उन्हें उन्हें रकम का भुगतान कर देते. इसके बाद यह गिरोह वहां से भाग जाता था. उन्होंने बताया कि यह बात सामने आई है कि उन्होंने इस तरह से कई लोगों को ठगा है. दयानंद ने कहा कि सीसीबी ने जाल बिछाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
उन्होंने कहा कि अब तक 30.92 करोड़ रुपये मूल्य की नकली करेंसी जब्त की गई है. हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. शहर के विल्सन गार्डन में जुए के मामले में पहले एक को गिरफ्तार किया गया था. इसी तरह के मामले में एक अन्य आरोपी को पहले मुंबई में गिरफ्तार किया गया था. दयानंद ने कहा कि ये आरोपी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में शामिल थे.
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FIRST PUBLISHED : April 8, 2024, 17:54 IST