Delhi Airport: मदनलाल को इस बात का रत्ती भर अंदाजा नहीं था कि एयरपोर्ट पर कदम रखते ही उसके सामने उसकी 10 साल पुरानी एक ‘गुस्ताखी’ खड़ी होगी. इतना ही नहीं, उसकी इस ‘गुस्ताखी’ के तेवर इतने तीखे होंगे, जिसका खामियाजा उसे गिरफ्तार होकर चुकाना पड़ेगा. दरअसल, यह पूरा मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल-थ्री का है.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने मदनलाल नामक यह शख्स को आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत गिरफ्तार किया है. वहीं, मदनलाल के खुलासे के आधार पर इस मामले में एयरपोर्ट पुलिस ने कैथल (हरियाणा) के जदोला गांव से सतीश कुमार नामक एक एजेंट को भी गिरफ्तार किया है. मदनलाल और सतीश कुमार से इस मामले में एयरपोर्ट पुलिस की पूछताछ का सिलसिला जारी है.
जानें क्या है पूरा मामला?
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, मूल रूप से करनाल (हरियाणा) के परवाला गांव का रहने वाला मदनलाल रोम (इटली) से आने वाली फ्लाइट QR-578 से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था. इमीग्रेशन ब्यूरो की जांच के दौरान गया कि उसके पासपोर्ट पर न ही डिपार्चर की कोई स्टैंप दर्ज है और न ही ब्यूरो के सिस्टम में इस संबंध में कोई जानकारी दर्ज है.
वहीं, जब इस बाबत मदनलाल से पूछा गया तो वह न ही यह बता पाया कि वह किस पासपोर्ट पर इटली गया था और न ही इमीग्रेशन ब्यूरो के किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब दे पाया. बस यहीं से इमीग्रेशन को शक हो गया कि आरोपी ने किसी दूसरे यात्री के पासपोर्ट पर विदेश जाने की ‘गुस्ताखी’ की है. जिसके बाद, इमीग्रेशन ब्यूरो ने मदनलाल को एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया.
मदनलाल कैसे पहुंचा इटली?
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, पूछताछ के दौरान मदनलाल ने यह बात कबूल कर ली कि वह किसी अन्य व्यक्ति के पासपोर्ट पर दिल्ली से अबुधाबी होते हुए इटली के रोम शहर के लिए रवाना हुआ था. उसने बताया कि इस काम में उसकी सतीश कुमार नामक एक शख्स ने मदद की, जो उसके एक दोस्त का जानकार था.
सतीश कुमार ने इटली भेजने के नाम पर सतीश कुमार ने उससे 12 लाख रुपए वसूल किए और उसे सुल्तान नाम के एक व्यक्ति का पासपोर्ट उपलब्ध कराया. उसने बताया कि इसी पासपोर्ट पर वह 2014 में दिल्ली से अबुधाबी होते हुए इटली के लिए रवाना हुआ था. इटली पहुंचने के बाद उसने अपने पासपोर्ट के गुम होने की शिकायत दर्ज करा दी और अपने नाम से एक नया पासपोर्ट हासिल कर लिया.
इटली में कैसे गुजारे दस साल?
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, करीब दस साल पहले सुल्तान के पासपोर्ट की मदद से वह इटली के रोम पहुंचने में सफल हो गया. इसके बाद वहीं का होकर रह गया. करीब दस साल गुजर जाने के बाद उसने घर आने की सोची और एयरपोर्ट पहुंचते ही उसकी गुस्ताखी पकड़ी गई. जिसके बाद, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी मदनलाल को गिरफ्तार कर लिया.
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FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 15:30 IST