Delhi Airport: विदेश जाने की चाहत को पूरा करने के लिए अभी तक फर्जी पासपोर्ट और जाली वीजा के इस्तेमाल के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा. लेकिन, अब एक ऐसा नया दस्तावेज मार्किट में आ गया है, जिसने पासपोर्ट और वीजा की जरूरत को खत्म कर दिया है. अब गैर कानूनी तरीके से अपने सपनों के शहर में जाने के लिए बहुत से लोग पासपोर्ट और वीजा की जगह इस नए दस्तावेज का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस नए दस्तावेज के इस्तेमाल का एक मामला 19 मई 2024 को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सामने आया है. इस मामले में, इस दस्तावेज की मदद से चार यात्री गैर कानूनी तरीके से बर्मिंघम जाने की कोशिश कर रहे थे. सीआईएसएफ ने चारों यात्रियों को हिरासत में लेकर एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया है. इन चारों यात्रियों के साथ एआईसैट्स ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी में काम करने वाले एक एयरपोर्ट स्टाफ को भी गिरफ्तार किया गया है.
कुछ महीनों पहले भी आ चुका है एक ऐसा ही मामला
इस नए दस्तावेज की मदद से विदेश जाने की कोशिश का एक मामला पहले भी आ चुका है. इस मामले में सविंदर पाल सिंह और गगनदीप सिंह नामक दो यात्री इस नए दस्तावेज की मदद से आईजीआई एयरपोर्ट से मैक्सिको के लिए रवाना हुए थे. इस्तांबुल में जांच के दौरान यह दस्तावेज फर्जी पाया गया, जिसके बाद दोनों यात्रियों को इस्तांबुल के इमीग्रेशन ब्यूरो ने पकड़ लिया था. जिसके बाद, दोनों को आईजीआई एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया गया था.
40 लाख रुपए में दिया गया था यह खास दस्तावेज
इस मामले में, आईजीआई एयरपोर्ट ने सविंदर पाल सिंह और गगनदीप सिंह के साथ-साथ एक ट्रैवल एजेंट को भी गिरफ्तार किया था. इस ट्रैवल एजेंट की पहचान पंजाब के फतेहगढ़ साहिब निवासी धरमिंदर सिंह के रूप में हुई थी. पूछताछ में आरोपी धरमिंदर सिंह ने खुलासा किया था कि उसने 40 लाख रुपए के एवज में सविंदर पाल सिंह और गगनदीप सिंह को यह खास दस्तावेज उपलब्ध कराया था. इस काम में उसके कुछ अन्य सहयोगियों ने भी मदद की थी.
पासपोर्ट-वीजा की जगह इस्तेमाल होने वाला दस्तावेज
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पासपोर्ट और वीजा की तरह इस्तेमाल होने वाले इस दस्तावेज का नाम कॉन्टिन्यूस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट (CDC) है. कॉन्टिन्यूस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट (CDC) को सीमैन बुक के नाम से भी जाना जाता है. पासपोर्ट की तरह सीमैन बुक का इस्तेमाल समुद्र यात्रा के दौरान शिप में किया जाता है. वहीं, सीमैन बुक धारक इसका इस्तेमाल भारतीय एयरपोर्ट से इमीग्रेशन क्लियरेंस हासिल करने के लिए भी कर सकते हैं. बीते दो मामलों के सामने आने के बाद यह साफ है कि गैर कानूनी तरीके से विदेश भेजने के लिए अब कॉन्टिन्यूस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट या सीमैन बुक भी इस्तेमाल बढ़ रहा है.
FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 06:13 IST