नरेश पारीक/चूरू : राजस्थान का चूरू जिला…जहां एक घर में बार-बार आग लगना और तीन मौतें पुलिस के लिए सरदर्द बनी हुई थी. पुलिस ने आग लगने का कारण जानने के लिए घर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए, ग्रामीण घर के बाहर पहरा देते. आरोपी जादू-टोने और भूत-प्रेत का साया बताकर लोगों से सहानुभूति ले रहा था. हद तो तब हो गई जब सीसीटीवी की डीवीआर भी आग लगने से जल गई. आरोपी फार्मासिस्ट था, दवाओं और केमिकल्स के बारे में भली भांति जानता था. आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं आग लगने और तीन हत्याओं का कारण.
चूरू जिले के भैंसली गांव में 31 जनवरी से अजीबोगरीब घटनाओं की शुरूवात हुई, इस रहस्यमयी आग से पहले घर में तीन और रहस्यमयी चीज़ें होती हैं. घर की दादी बिल्कुल ठीक ठाक. अचानक सुबह उल्टी होती है और दादी की मौत हो जाती है. दादी की मौत के कुछ दिन बाद उसके चार साल के पोते को ठीक वैसी ही उल्टी होती है और उसकी भी मौत हो जाती है. इस पोते की मौत के 15 दिन बाद दादी के बड़े पोते, जिसकी उम्र सात साल है, उसे भी अचानक उल्टी होती है और उसकी भी मौत हो जाती है. 31 फरवरी से शुरू हुआ मौत का ये सिलसिला तीन मौतों के बाद 28 फरवरी को तो थम गया, लेकिन जैसे ही मौत का सिलसिला थमा, घर में रहस्यमयी आग का सिलसिला शुरू हो गया.
घर में कहीं भी लग जाती थी आग
भूप सिंह के घर में कहीं भी आग लग जाती थी. तीन लोगों की मौत के बाद जब घर में आग लगने लगी तो लोगों को जादू-टोने और भूत-प्रेत के साये का एहसास हुआ. घर के आसपास ग्रामीणों ने पहरा देना शुरू कर दिया. लोगों की सहानुभूति इस घर के साथ जुड़ने लगी. लग रहा था कैसी विपत्ति आ गई…जो तीन मौतों के बाद बार-बार आग लग रही है. पुलिस गहनता से जांच करने में लग गई.
पुलिस ने घर में लगाया सीसीटीवी
तीन मौतों के बाद घर में रहस्यमई ढ़ंग से आग लग जाने की खबर पूरे इलाके में फैल गई. जब घर में बार-बार कहीं भी आग लगने लगी तो लोगों ने घर का सारा सामान बाहर निकालकर रख दिया. पुलिस ने आग का कारण पता लगाने के लिए घर में सीसीटीवी लगवाया, लेकिन इस बार घर की बजाय पशुओं के बाड़े में आग लगी, कुछ दिनों बाद रिकार्डिंग के लिए लगा डीवीआर भी जलकर राख हो गया.
तंत्र विद्या कराने के बाद भी लगी आग
आग लगने और 3 मौतें होने के कारण आसपास के लोगं की सलाह पर घर में तांत्रिक विद्या के द्वारा अनुष्ठान करवाया गया, लेकिन इसके बाद भी कोई फायदा नहीं मिला और थोड़ी देर बाद फिर से आग लग गई.
पुलिस ने कब्र से छोटे बेटे का शव निकलवाकर करवाया पोस्टमार्टम
पुलिस ने तीनों मौतों का कारण जानने के लिए सबसे छोटे बेटे गर्वित का शव कब्र से बाहर निकलवाया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस रिपोर्ट आने का इंतजार करने लगी. जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पुलिस का माथा ठनक गया और उसे समझ नहीं आ रहा था कि इस छोटे से बच्चे को जहर किसने दिया. आखिर एक मासूम की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है?
शक के बिनाह पर भूप सिंह और उसकी पत्नी को हिरासत में लिया
शक के आधार पर सबसे पहले पुलिस ने भूप सिंह और उसकी पत्नी को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस ने किसी से रंजिश के बारे में पूछा जिसका जवाब पुलिस को ना मिला. फिर पुलिस ने भूपसिंह की पत्नी से पूछताछ शुरू की लेकिन नतीजा शून्य. अब बारी भूप सिंह से पूछताछ की थी. पुलिस ने जब भूपसिंह से पूछताछ शुरू की तो उसे कुछ दाल में काला लगा. पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो भूपसिंह ने सारा सच उगल दिया और बताया कि उसने तीनों हत्याएं क्यों की और घर में बार-बार आग कैसे लग जाती थी.
आरोपी भूप सिंह दवाओं और केमिकल्स का जानकार
भूप सिंह पहले एक अस्पताल में कंपाउडर का काम करता था, वह फार्मासिस्ट था. लेकिन अब उसने वह नौकरी छोड़ दी और वह मेडिकल स्टोर की दुकान चलाता था. आरोपी भूप सिंह को दवाओं और केमिकल की अच्छी जानकारी थी. लेकिन उसने अपनी जानकारी को अपने ही लोगों की हत्याओं में लगाया. आरोपी ने बताया कि उसने दादी को खांसी की दवाई में जहर दिया था
सोडियम से आग लगाता था आरोपी
आरोपी को फार्मासिस्ट होने के कारण तत्वों की रिएक्शन के बारे में पता था इस कारण वह सोडियम से कहीं पर भी आग लगा देता था. आपको बता दें कि सोडियम को अधिकतर कैरोसीन आयल में रखा जाता है. सोडियम नमी और हवा पाकर रिएक्शन करता है और वह आग में तब्दील हो जाता है. अब इसी का फायदा उठाकर आरोपी कहीं भी आग लगा देता था. फार्मासिस्ट होने के कारण उसे आसानी से केमिकल्स उफलब्ध हो जाते थे.
ये थी बच्चों और दादी के कत्ल की कहानी
पुलिस ने जब आरोपी भूपसिंह से 3 हत्याओं का कारण पूछा तो उसका जवाब हैरान कर देने वाला था. उसने बताया कि दादी की हत्या करना तो उसकी लिस्ट में था ही नहीं लेकिन बच्चों की मौत हत्या न लगे इसके लिए सबसे पहले दादी को मारना पड़ा, दादी एकदम ठीक थी लेकिन उन्हें खांसी आ रही थी. बस इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने दादी की खांसी की दवाई में जहर देकर उन्हें मौत की नींद सुला दिया.
अब बारी उसके दोनों बच्चों की थी, लेकिन उन दो मासूमों की क्या गलती थी? पुलिस ने जब यह पूछा तो भूप सिंह का जवाब हैरान कर देने वाला था. उसने कहा कि मुझे शक था कि यह दोनों बच्चे अनुराग और गर्वित मेरे नहीं हैं, मुझे मेरी पत्नी के अफेयर का शक है और यह दोनों बच्चे उसके प्रेमी के ही थे. इसी कारण मैंने इन दोनों बच्चों को मौत के घाट उतार दिया, लेकिन दादी को मारना उसका इरादा नहीं था किसी को शक न हो इसके लिए दादी को सबसे पहले मारा, दोनों बच्चों की मौत के बाद उसने घर में आग लगाने का नाटक किया, जिससे कि लोगों कि सहानुभूति उसे मिल सके और उसपर किसी को शक भी न हो.
अब घर में बचे सिर्फ 4 लोग
आरोपी भूपसिंह के घर में 7 लोग थे. घर का बेटा भूप सिंह. उसकी पत्नी मेनका. भूप सिंह की दादी कस्तूरी. उसके दादा हरि सिंह. मां संतोष और 4 और 7 साल के भूप सिंह के दो बच्चे गर्वित और अनुराग. भूप सिंह के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. लेकिन अब इन तीन मौतों के बाद घर में चार ही लोग बचे हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 30, 2024, 06:01 IST