नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले एक जांच एजेंसी ने बड़ा ऐलान किया है. जांच एजेंसी ने एक मामले की जांच में सहयोग करने वाले शख्स को ₹2000000 रुपए का ईनाम देने का ऐलान किया है. साथ ही यह भरोसा भी दिलाया है कि सूचना देने वाले का नाम और पहचान पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा.
दरअसल, ₹20 लाख का ईनाम देने की घोषणा करने वाले एजेंसी का नाम नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए है. एनआईए ने इस इनाम की घोषणा बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस को लेकर की है. उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु के आईटीपीएल रोड पर स्थिति रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च 2024 को ब्लास्ट हुआ था.
एनआईए ने इस ब्लास्ट को अंजाम देने वाले दो आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहाहा के रूप में की थी. दोनों आरोपी शिवमोग्गा जिला के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं. जांच एजेंसी के अनुसार, इस मामले में चिक्कमगलुरु के मुजम्मिल शरीफ नामक के एक अन्य आरोपी की गिरफ्तारी की गई हैं.
चिक्कमगलुरु से हुई एक गिरफ्तारी
चिक्कमगलुरु के खालसा इलाके में रहने वाले मुजम्मिल पर मुख्य आरोपियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराने का आरोप है. मुजम्मिल शरीफ की गिरफ्तारी 26 मार्च 2024 को की गई थी. पूछताछ में आरोपी मुजम्मिल शरीफ ने कई खुलासे किए थे, जिसमें कई बातें मुख्य आरोपी मुसाविर और अब्दुल मथीन से जुड़े थे.
18 लोकेशन में हुई छापेमारी, पर…
मुजम्मिल के कबूलनामें क आधार पर एनआईए ने कर्नाटक, तमिलनाड़ और उत्तर प्रदेश के 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी, लेकिन दोनों आरोपी एनआईए की गिरफ्त से बचने में कामयाब रहे. जिसके बाद, एनआईए ने पहचान गुप्त रखने के भरोसे साथ दोनों आरोपियों पर दस-दस लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है.
कॉलेज के दोस्तों से भी रही है पूछताछ
एनआईए के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब और सह आरोपी अब्दुल मथीन ताहाहा के स्कूल और कॉलेज के दोस्तों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. जिससे उनके बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्रित की जा सके. एनआईएन ने गवाहों की सुरक्षा के मद्देनजर उनकी पहचान गुप्त रखने की बात कही है.
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FIRST PUBLISHED : April 7, 2024, 10:18 IST